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लेखनी कहानी -25-Jan-2023-तेनाली रामा की कहानिया -8

वही जब तेनालीराम ने माधो का टूटा बदन देखा तो वह समझ गया की यह जरुर सब उसकी पत्नी की वजह से ही ऐसा हैं। तब तेनालीराम ने माधो को चारपांच महीने अपने पास रखकर उसे मोटातगड़ा कर दिया और फिर उसे अपने घर जाने को कहा। 

 

जब माधो चलने लगा तो तेनालीराम ने उसे एक मोटा सा लोहा चढ़ा डंडा देते हुए कहा, “ डरने से कुछ नहीं होगा ,यह सब तुम्हारी ही कमी हैं अगर तुम पहले से ही कठोर बनकर रहते तो ऐसा कभी नहीं होता।तेनालीराम की बात सुनकर माधो अच्छे से समझ चूका था कि तेनालीराम क्या कहना चाहता हैं। डंडा लेकर माधो अपने घर पहुँच गया। माधो को घर देखकर चमेली बहुत खुश हो गई। उसने पहले तो माधो का अच्छी तरह स्वागत किया और फिर उसे पीढ़े पर बिठाकर जूता लेने चली गई। वह मन ही मन बहुत खुश थी कि अब तो उसका पति मोटा हो गया हैं और वैसे भी मैंने कितने महीने से उसे जूते से नहीं मारा।अब तो जूते मरने में बहुत ही मज़ा आएगा जैसे ही वो जूता लाकर माधो को मरने चली तो माधो ने उसे डंडे से पीटना शुरू कर दिया। 

 

चमेली जोरजोर से चिल्लाने लगी।जिसकी वजह से आसपास के लोग वहाँ गए और जैसेतैसे उसे पीटने से बचाया।उसके बाद से उसने कभी भी माधो को नही मारा और अब वह जैसा कहता चमेली वैसा ही करती। अपने पति का ये रूप देखकर चमेली ने अपनी बेटी भी समझा दिया कि ज़िन्दगी में वो ऐसी गलती कभी ना करें। हमेशा अपने पति की बात माना करें।

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